FUE हेयर ट्राँसप्लाँट विधि बेहतर क्यों है ।
#FUT VS #FUE
FUE और  FUT  विधियों में क्या अंतर है और इसमें कोन सी विधि ज्यादा उपयोगी  है,
जैसा की आप जानते है आज के दौर में हेयर ट्रांसप्लांट का प्रचलन बहुत बढ़ चूका है ज्यादातर लोगों के प्रश्न होते हैं दोनों में से कौन सी विधि सर्वोत्तम है और क्यों मैं आपको बताना चाहूंगा , दोनों में क्या फर्क है? दोनों में फर्क बालों को निकाले जाने को लेकर है जैसा के मैंने आपको पिछली वीडियो में बताया है, डोनर एरिया यानि सर के पीछे का एरिया  ट्रांसप्लांट के लिए सबसे अच्छा होता है जिसे ओसोसिपिटल क्षेत्र कहते हैं हम स्ट्रिप के माध्यम से पट्टी निकलते हैं उस प्रकिर्या को FUT या स्ट्रिप मेथोड कहते हैं इसमें ओसिपिटल से एक स्ट्रिप निकाली जाती है आमतौर पर स्ट्रिप 20cm लम्बी  और 1.5 cm  निकाली जाती है और 1-1 ग्राफ्ट काटकर जरूरी स्थान पर प्लांट किया जाता है इसे स्ट्रिप मेथोड या FUT कहा जाता है |
FUE विधि में 1-1 बाल डोनर एरिया से निकला जाता है जिसे फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन कहा जाता है इस विधि में ख़ास बात ये है  आप शरीर के किसी भी हिस्से से ग्राफ्ट काट सकते हैं  जबकि स्ट्रिप प्रोसेस में आप केवल ओसिपिटल विज़न से ही स्ट्रिप उतार सकते हैं स्ट्रिप मैथड की सबसे बड़ी कमी ये है की आप केवल सर के पीछे से ही स्ट्रिप उतार सकते हैं  क्योंकि इसमें डोनर एरिया केवल ओसिपिटल विज़न होता है जबकि FUE में सारा शरीर आपका डोनर एरिया हो सकता है दूसरी कमी FUT में स्ट्रिप निकलने के बाद जब टांके भरे जाते हैं तो एक लाइन रह जाती है जो दिखाई देती है जबकि FUE  के अंदर इस प्रकार की कोई समस्या नहीं आती  FUE  विधि की एक और खासियत है जैसे इस विधि में कोई ज्यादा समस्या नहीं आती   पेशेंट को FUT में आ सकती है जैसे ज्यादा सूजन आना , ज्यादा दर्द होना आदि, FUE का एक और फायदा है इसमें पेशेंट जल्दी रिकवर हो जाता है , आजके वीडियो में  आपने जाना FUE  और FUT में क्या अंतर है और जाना FUE  , FUT से किस प्रकार बेहतर है दोस्तों आशा है आपको हमारा वीडियो अच्छा लगा होगा ,जल्द मिलेंगे अगले वीडियो के साथ तब तक के लिए धन्यवाद्   
 
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